Butter Festival: देवभूमी उत्तराखंड के जौनसार और टिहरी के जौनपुर में आज-कल वहां के आराध्य देवता नागदेवता और महासू देवता क्षेत्र की सुख-समर्धी के लिए क्षेत्र भ्रमण पर है। इसी के तहत जौनपुर के नागटिब्बा की तलहटी में बसा इडवालस्यूं पट्टी में वहां के आराध्य नागदेवता अपने क्षेत्र भ्रमण पर हैं…और 16 दिनों की यात्रा के बीच नागदेवता घियाकोटी गांव में पहुंचे। जहां नागदेवता के आगमन की खुशी में गांव के लोगों ने बटर फेस्टिवल (मक्खन की होली ) खेली गई और भगवान शेषनाग की झांकी सहित देवडोली महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
गाँव की महिलाएं लोकल परिधानों (जौनपुरी पोसाक )में नजर आयी तो पुरुष और युवा भी ड्रेस कोर्ट में कार्यक्रम में चार चांद लगा रहे थे । गाँव की बेटियों यानी ध्याणियों ने नागदेवता डोली पर सोने का शेषनाग,शौड देवी को छतर व काली देवी को जंजीर भेंट की । बतौर मुख्यातिथि पहुँची राज्यसभा सांसद श्रीमती डॉ कल्पना सैनी और भाजपा नेता नेहा जोशी भी जौनपुरी वेशभूषा में महिला के साथ लोकनृत्य में जमकर थरकी ,ग्रामीणों ने उन्हें अपने गाँव की बेटी मानते हुए सम्मान किया।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि उत्तराखंड मोदी और धामी के नेतृत्व में विकास कर रहा है । पहाड़ी जनपदों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार प्रयासरत है।उन्होंने कहा कि नागदेवता ने उन्हें बुलाया तो राज्य व देश की कुशलक्षेम की उन्होंने कामना की । और गाँव की बेटी होने के नाते बहुद्देश्यीय भवन निर्माण की उन्होंने घोषणा की, धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा की पौराणिक रीतिरिवाजों के साथ बटर फेस्टिवल व शेषनाग की झांकी का आयोजन अनोखा है। उन्होंने गाँव के विकास के लिये मैदान को पक्का करने सहित गाव के विकास में सहयोग का भरोसा दिया ।
,विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जौनपुर के साथ जौनसार बाबर,रवांई की संस्कृति की एकरूपता अलग पहचान बनाये हुए है।उन्होंने गाँव के युवाओं की प्रशंसा के साथ ग्रामीणों की भगवान नागदेवता महोत्सव की बधाई दी ,राजपुर विधायक खजान दास ने कहा कि इड्वालस्यु पट्टी में भगवान नागदेवता के गाव गाव भ्रमण में भव्यता से स्वागत की परंपरा में महोत्सव आयोजत करना मेलमिलाप का बेहतर माध्यम है। भाजपा नेता श्रीमती नेहा जोशी ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में देवडोली आगमन को महोत्सव के रूप में मनाए जाने की परंपरा सबसे बेहतरीन है।और अपने आराध्य के प्रति आस्था सनातनियों की झलक है।
इससे पूर्व ग्राम घियाकोटी में गाँव की बेटियों यानी ध्याणियों ने भगवान श्रीनागदेवता की उत्सव डोली में सोने का शेषनाग भेंट किया और लोकल परिधानों में तांदी नृत्य कर महोत्सव में सभी को झूमने के लिए विवश कर दिया। वही गाँव की बच्चियों ने लोकनृत्य और राधाकृष्ण की वेशभूषा में नृत्य भी किया। आमंत्रित अतिथियों के सम्मान के बाद बटर फेस्टिवल (मक्खन की होली)और शेषनाग की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही।