Bharat NCAP Launch: भारत में गाड़ियों की क्रैश टेस्ट कर उनकी सेफ्टी स्टार रेटिंग के लिए पहले ग्लोबल NCAP(New car assessment program) का ऑडिट पहले विदेशों में कराया जाता था। जिसके कारण कारों का क्रैश टेस्ट कर सेफ्टी स्टार रेटिंग दी जा सकती थी। जिसके कारण ग्राहकों को गाड़ी की सेफ्टी को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन रहता था। लेकिन अब ये कंन्फ्यूजन दूर हो गया है। अब देश में ही कारों का क्रैश टैस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग दी जा सकेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने 22 अगस्त 2023 को भारत NCAP (न्यू कार असेसमेंट कार्यक्रम New car assessment program) और एआईएस-197(AIS-197) के तहत कारों को दी जाने वाली स्टार रेटिंग की शुरुआत की है।
भारत में 1 अक्टूबर 2023 से कार बनाने वाली कंपनियां भारत NCAP सिस्टम के तहत अपनी कार का क्रैश टेस्ट करवा कर सेफ्टी के लिहाज से स्टार रेटिंग करा सकेंगे। जो कार जितने सुरक्षा मानकों पर खरी उतरेगी, उसे उसी हिसाब से स्टार रेटिंग दी जाएगी। कार की सेफ्टी रेटिंग से लोगों को कार खरीदने में आसानी हो जाएगी। हालांकि स्टार रेटिंग से कारों की कीमतें बढ़ने की आशंका है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, ” फिलहाल कार बनाने वाली कंपनियों के लिए सेफ्टी स्टार रेटिंग अनिवार्य नहीं है। इसे वैकल्पिक रखा गया है। वे स्वेच्छा से अपनी कारों का सेफ्टी ऑडिट करा सकते हैं। ये ऑडिट पहले विदेशों में कराया जाता था। देश में हर दिन एक हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में 400 लोगों की मौत हो जाती हैं। कारों की स्टार रेटिंग से यह स्थिति सुधरेगी।”
NCAP टेस्ट अभी वैकल्पिक
भारत NCAP किसी भी स्तर पर ग्लोबल एनसीएपी(Global NCAP) से कम नहीं होगा। इसे भारत की सड़कों, ड्राइविंग पैटर्न और अन्य तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही बनाया गया है। कार बनाने वाली कंपनियों के लिए यह टेस्ट कराना अभी वैकल्पिक है। अधिकतर देशों में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हेडऑन एक्सीडेंट के मामले काफी देखे जाते हैं। लेकिन भारत में ट्रैफिक सिस्टम काफी अलग है। यहां लोग लेन ड्राइविंग करने में लापरवाही बरतते हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही भारत में किए जाने वाले क्रैश टेस्ट के लिए हेडऑन, साइड से टक्कर और अन्य तरह से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह टेस्ट किए जाएंगे।
इनमें आमने-सामने, साइड और पोल साइड इंपेक्ट को जांचने वाले टेस्ट थ्री, फोर और फाइव स्टार रेटिंग वाले में अनिवार्य रूप से किए जाएंगे। कारों पर स्टार रेटिंग के स्टीकर लगाए जाएंगे। जिससे उपभोक्ताओं को कार खरीदते समय स्टार रेटिंग के बारे में जानकारी रहे। एक्सपर्ट पीयूष तिवारी का कहना है कि यह किसी भी स्तर पर ग्लोबल एनसीएपी से कम नहीं होगा। मानक बनाते समय इस बात का ख्याल रखा गया है कि कारों के क्रैश टेस्ट में वह तमाम जांच होनी चाहिए। जिनसे सड़क दुर्घटनाओं में कार सवारों की जान जाने का खतरा अधिक से अधिक रहता है। कुछ देशों में होने वाली सड़क दुर्घटनाएं कुछ अलग नेचर की हो सकती है। लेकिन भारत के लिहाज से इसमें काफी काम किया गया है। क्योंकि, यहां का ट्रैफिक सिस्टम एकदम अलग है।
ये होंगे रेटिंग के मानक
अधिकारियों के मुताबिक फाइव स्टार रेटिंग वाली कार 68 तरह का क्रैश टेस्ट किया जाएगा। जिसमें चाइड सेफ्टी के लिए 41 तरह की जांच और एडल्ट सेफ्टी के लिए 27 तरह की जांच की जाएगी। इन सभी टेस्टों पर जो कार खरी उतर पाएगी उसे फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी। वैसे ही चार स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली कारों को चाइल्ड सेफ्टी के लिए 22 और एडल्ट के लिए 35 प्रकार के टेस्ट पास करने होंगें, थ्री स्टार रेटिंग में 16 और 27, डबल स्टार में 10 और 18 और सिंगल स्टार रेटिंग में एडल्ट सेफ्टी के लिए चार तरह के और चाइल्ड सेफ्टी के लिहाज से नौ तरह के क्रैश टेस्ट किए जाएंगे।
सेफ्टी स्टार रेटिंग का मकसद सड़क दुर्घटनाओं को रोकना
देश में हर दिन एक हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में 400 लोगों की मौत होती हैं। पिछले साल टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और उनके दोस्त की कार हादसे में मौत के बाद सड़क दुर्घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की गई थी। सेफ्टी स्टार रेटिंग के पीछे मकसद ऐसी सड़क दुर्घटनाओं को रोकना ही है। दावा किया जा रहा है कि नये सुरक्षा मानकों में न केवल आगे-पीछे के क्रैश टेस्ट किए जाएंगे, बल्कि कार के दोनों साइडों के भी क्रैश टेस्ट होंगे लेकिन बड़ा सवाल यह होगा कि इसकी निगरानी कैसे होगी। यह भी देखना होगा कि कहीं कार कंपनियां इन फीचर्स के नाम पर कार की कीमतों को बेतहाशा तरीके से न बढ़ा दें। इसके साथ ही दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़कों को भी सुरक्षित बनाना होगा। गाड़ी चलाने वालों का ड्राइविंग सेंस बेहतर करने की कोशिशें भी जारी रखनी होंगी। तभी पूरे विश्व में सबसे अधिक दुर्घटना वाले देश की लिस्ट से हम बाहर आ सकेंगे।